“राजपूतों के जनहित कार्य”

Aman Chaudhary
1 min readMar 19, 2023

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1868 ई. में भीषण अकाल पड़ा, तब मेवाड़ के महाराणा शम्भूसिंह ने उस ज़माने के लाखों रुपए खर्च करके बाहर से अनाज मंगवाया। इस अकाल में 11 लाख 63 हज़ार लोगों को उदयपुर में भोजन करवाया गया।

अकाल के वक्त हैजा की बीमारी भी फैलने लगी, जिसके बाद कई लोग मरने लगे। उदयपुर में एकमात्र पिछोला झील में थोड़ा पानी शेष था। मंत्रियों ने महाराणा से कहा कि आप यहां से कुछ कोस दूर चले जावें, लेकिन महाराणा ने कहा कि ऐसी विपत्ति में जो शासक प्रजा के काम न आ सके, वह शासक कहलाने योग्य नहीं।

महाराणा शम्भूसिंह ने जनता से कहा कि मरने वाले लोगों के शवाधान के बाद परिजनों के नहाने के लिए व प्यासों को पानी मिल सके इसलिए जनता को पिछोला झील के पास ही आ जाना चाहिए। इस तरह महाराणा के सत्कर्मों से अनेक लोगों के प्राण बच गए।

राजपुताना साम्राज्य

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Written by Aman Chaudhary

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